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IMC SHRI TULSI USES AS PAIN KILLER
IMC SHRI TULSI -श्री तुलसी
“श्री तुलसी पीएं, निरोग जीएं”
(पांच तरह के तुलसी का सत्)
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तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार के पायी जाती है:-
1. श्याम तुलसी
2. राम तुलसी
3. नींबू तुलसी
4. वन तुलसी
5. श्वेत/विश्नू तुलसी
इन पांच प्रकार की तुलसी विधि द्वारा सत् निकाल कर श्री तुलसी का निर्माण किया गया है ।
तुलसी को इंग्लिश में होली बेसिल(holy basil)के नाम से जाना जाता है हिंदी में इसका नाम तुलसी है जिसका अर्थ होता है अतुलनीय अर्थात जिसकी किसी से तुलना न की जा सके इसके गुणों को देखते हुए तुलसी को जड़ी बूटियों में जड़ी बूटियों की रानी माना जाता है तुलसी में सबसे बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट(anti-oxidant), एंटीइंफ्लेमेटरी(anti-inflammatory), एंटीवायरल(anti-viral), एंटीएलर्जीक(anti-allergic) और एंटीडिजीज(anti-disease)
गुण है।
IMC SHRI TULSI -श्री तुलसी का प्रयोग 200 से अधिक बीमारियों में किया जाता है जैसे कि फ़्लू,स्वाइन फ्लू सभी तरह के बुखार जैसे कि डेंगू, मलेरिया,टाइफाइड,चिकनगुनिया आदि खांसी, जुकाम, जोड़ों का दर्द, ब्लड प्रेशर, मोटापा, शुगर, एलर्जीक हेपेटाइटिस, पेशाब संबंधी समस्या, वात के रोग, नकसीर, फेफड़ों में सूजन, अल्सर, तनाव, वीर्य की कमी, थकान, भूख में कमी, उल्टी
दर्द से राहत दिलाने में श्री तुलसी का प्रयोग
IMC SHRI TULSI -श्री तुलसी में एक विशेष प्रकार का रासायनिक पदार्थ COX-2 INHIBITOR होता है जो दर्द से राहत दिलाने में सहायक है।

इसके अलावा सूजन तथा न्यूरोलॉजिकल(NEUROLOGICAL) दर्द को कम करने में सहायक है तथा इसका एलोपैथिक दवाओं की तरह कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।

IMC SHRI TULSI-तुलसी में वात विकार को मिटाने का गुण पाया जाता है । इसलिए यदि वात की प्रबलता से नसों में दर्द हो तो उसमें श्री तुलसी का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है।

IMC SHRI TULSI-श्री तुलसी की 8-10 बूँदे उबालते पानी में डालकर उससे उत्पन्न भाप को वात (गैस) के कारण जिस अंग में दर्द हो रहा हो उस अंग परभाप लेने से दर्द में आराम मिलता है।

कमर दर्द में श्री तुलसी(SHRI TULSI) की 10 बूँद रोज़ पीने तथा 4-5 बूँदो को पेन अवे ऑयल में मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।

घुटनो के दर्द में श्री तुलसी(SHRI TULSI) की 10 बूँद रोज़ पीने तथा 4-5 बूँदो को पेन अवे ऑयल में मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।

गर्दन दर्द में श्री तुलसी (SHRI TULSI) की 10 बूँद रोज़ पीने तथा 4-5 बूँदो को पेन अवे ऑयल में मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।

सभी तरह के जोड़ों के दर्द में श्री तुलसी (SHRI TULSI) की 10 बूँद रोज़ पीने तथा 4-5 बूँदो को पेन अवे ऑयल में मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।
श्री तुलसी (SHRI TULSI) तथा सरसों का तेल मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद मोच या चोट पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है और सूजन हो गई हो तो सूजन दूर होती है।

श्री तुलसी (SHRI TULSI) को घाव तथा जख्मों को भरने में भी इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह एक अच्छे एंटीसेप्टिक(ANTI-SEPTIC) के रूप में भी कार्य करता है।

फोड़े, जख्म व घाव होने पर श्री तुलसी (SHRI TULSI) को लगाना चाहिए। इससे फोड़े अच्छी तरह से पककर फूट जाते है और दर्द से आराम मिलता है।

श्री तुलसी (SHRI TULSI) से घाव को धोने से घाव व जख्म जल्दी भर जाते हैं।

नारियल के तेल में श्री तुलसी (SHRI TULSI) को मिलाकर जले हुए अंगों पर लगाने से जलन व दर्द शांत होता है और फफोले भी नहीं पड़ते। इसे छाले व घाव पर भी लगाया जा सकता है।

एलो जेल में श्री तुलसी (SHRI TULSI) को मिलाकर जले हुए अंगों पर लगाने से जलन व दर्द शांत होता है और फफोले भी नहीं पड़ते। इसे छाले व घाव पर भी लगाया जा सकता है।

सिर दर्द व माइग्रेन में श्री तुलसी (SHRI TULSI) की 8-10 बूँदे , एलो जेल में मिलाकर सिर और बालों की जड़ों में मालिश करने से सिरदर्द की समस्या से आराम मिलता है।

सिर दर्द व माइग्रेन में श्री तुलसी (SHRI TULSI ) को हल्का सा गर्म करके एक-एक बूंद नाक में टपकाने से सिर दर्द व माइग्रेन से राहत मिलती है।

सिर दर्द से पीड़ित रोगी को सुबह खाली पेट श्री तुलसी (SHRI TULSI)में शहद मिलाकर चाटना चाहिए। इससे सिर दर्द व माईग्रेन में भी लाभ मिलता है।

कान दर्द व कान बहने में श्री तुलसी (SHRI TULSI) को हल्का सा गर्म करके एक-एक बूंद कान में टपकाने से कान दर्द से राहत मिलती है।

यदि कनपटी में दर्द हो तो श्री तुलसी (SHRI TULSI) को कनपटी पर मलने से आराम मिलता है।

दांत दर्द में श्री तुलसी (SHRI TULSI) की 8-10 बूँदे गर्म पानी में डालकर कुल्ला करने से आराम मिलता है। इससे दांतों का दर्द, मसूढ़ों से खून आना व दांतों के अन्य रोग समाप्त होते हैं।

श्री तुलसी (SHRI TULSI) की 8-10 बूँदे, हल्दी व सेंधानमक मिलाकर गर्म पानी में मिला लें और इससे कुल्ले करें। इससे मुंह, दांत तथा गले के सभी विकार दूर होते हैं।

श्री तुलसी (SHRI TULSI) को शहद में मिलाकर बच्चे के मसूढ़े पर लगाने से और थोड़ा सा चटाने से दांत निकलते समय होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।

गले के दर्द में श्री तुलसी (SHRI TULSI) ड्राप्स को शहद के साथ सेवन करने पर बहुत लाभ मिलता है।

गले के दर्द में श्री तुलसी (SHRI TULSI) की 8-10 बूँदे गर्म पानी में डालकर गरारे करें।

श्री तुलसी (SHRI TULSI) ड्राप्स (2-3) को अदरक के रस (एक चम्मच) में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।

महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले कमर दर्द में श्री तुलसी (SHRI TULSI) की 8-10 बूंदें गर्म पानी में मिलाकर पीने से कमर दर्द में बहुत लाभ मिलता है व मासिक धर्म भी खुलकर होता है।

श्री तुलसी के बारे में सभी डिटेल्ज़ यहाँ से पढ़ें :-
http://dgayurveda.com/imc_products/health-care-products-hindi/imc-tulsi-ark/
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